The Emergence of New Trends in Social Realism in Ratnakumar Sambhariya's Stories

रत्नकुमार सांभरिया की कहानियों में सामाजिक यथार्थ की नवीन प्रवृत्ति का अभ्युदय

Authors

  • Yadvendra Chejara Research Scholar, Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Alwar (Rajasthan)

DOI:

https://doi.org/10.31305/rrijm.2024.v09.n12.010

Keywords:

Social Realism, Dalit Literature, New Trends, Struggle for Rights

Abstract

Ratnakumar Sambhariya's literature creates awareness about the lives, challenges, and rights of the Dalit community. In his stories, he unveils new trends in social realism. His characters represent the marginalized and oppressed sections of society, struggling for self-respect and rights. Sambhariya's writings reflect the ideas of Ambedkar and slogans like "Education is the milk of a lioness." His stories serve as a lamp rather than a mirror, inspiring society toward progress and reform. Challenging economic, political, social, and cultural inequalities, Sambhariya establishes new human and social values in literature. His stories, set against the backdrop of rural life, portray human emotions and social realities, connecting readers from all perspectives.

Abstract in Hindi Language: रत्नकुमार सांभरिया का साहित्य दलित वर्ग के जीवन, उनकी समस्याओं और अधिकारों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करता है। वे अपनी कहानियों में सामाजिक यथार्थ की नवीन प्रवृत्तियों का उद्घाटन करते हैं। उनके पात्र समाज के वंचित और शोषित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो आत्म-सम्मान और अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं। सांभरिया के साहित्य में अंबेडकर के विचारों और "शिक्षा शेरनी का दूध है" जैसे मूलमंत्र की झलक मिलती है। उनकी कहानियाँ दर्पण के बजाय दीपक के रूप में कार्य करती हैं, जो समाज को प्रगति और सुधार की दिशा में प्रेरित करती हैं। सांभरिया आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विषमताओं को चुनौती देते हुए साहित्य में नए मानवीय और सामाजिक मूल्यों को स्थापित करते हैं। उनकी कहानियाँ ग्रामीण परिवेश की पृष्ठभूमि में मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक वास्तविकताओं को प्रस्तुत करती हैं, जो पाठकों को हर दृष्टिकोण से जोड़ती हैं।

Keywords: सामाजिक यथार्थ, दलित साहित्य, नवीन प्रवृत्तियाँ, अधिकार संघर्ष

References

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Published

21-12-2024

How to Cite

Chejara, Y. (2024). The Emergence of New Trends in Social Realism in Ratnakumar Sambhariya’s Stories: रत्नकुमार सांभरिया की कहानियों में सामाजिक यथार्थ की नवीन प्रवृत्ति का अभ्युदय . RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary, 9(12), 86–90. https://doi.org/10.31305/rrijm.2024.v09.n12.010