Characters and characterization in the novels of Chatursen Shastri
चतुरसेन शास्त्री के उपन्यासों में पात्र व चरित्र चित्रण
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i08.014Keywords:
Human love, compassion, the exploited, the oppressed, the lower class, the slaves, the peasantsAbstract
Everyday something or the other is happening in the world since ancient times. Whatever work, business, events, etc. happen, some or the other component or character is responsible behind them. Even in fiction, without the characters, the plot or the subject matter cannot be imagined. That's why characters are considered to be the second important place after the plot in the novel. After knowing the introduction of the characters, it is necessary to know their character or personality.
Abstract in Hindi Language:
संसार में प्राचीन काल से ही नित प्रतिदिन कुछ न कुछ होता ही आ रहा हैं। जो भी कार्य व्यापार, घटनाएं आदि होते हैं, उनके पीछे कोई न कोई घटक या पात्र ही उत्तरदायित्व होते हैं। कथा साहित्य में भी पात्रों के बिना कथानक या कथावस्तु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसी लिए उपन्यास में कथानक के पश्चात् दूसरा महŸवपूर्ण स्थान पात्रों का माना जाता हैं। पात्रों का परिचय जानने के बाद उनका चरित्र या व्यक्तित्व जानना आवश्यक होता हैं।
Keywords: मानवीय प्रेम, करूणा, शोषित, पीड़ित, निम्न वर्ग, दास, गुलाम, किसान।
References
काव्य के रूप -बाबू गुलाबराय पृ. 178
हिन्दी उपन्यास -षिवनारायण श्रीवास्तव पृ. 462
ऐतिहासिक उपन्यास और उपन्यासकार -डाॅ. गोपीनाथ तिवारी पृ. 28-29
वयं रक्षाम्ः -चतुरसेन शास्त्री पृ. 161
वैषाली की नगरवधू -चतुरसेन शास्त्री पृ. 212
सोमनाथ -चतुरसेन शास्त्री पृ. 386
वैषाली की नगरवधू -चतुरसेन शास्त्री पृ. 163
सोमनाथ -चतुरसेन शास्त्री पृ. 542
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