Funeral Rituals in Vedic Literature

वैदिक साहित्य में अन्त्येष्टि क्रियाएँ

Authors

  • Dr. Gayatriben C. Barot Head of the Department, Sanskrit, Nima Girls Arts College, Gozaria

DOI:

https://doi.org/10.31305/rrijm.2023.v08.n03.029

Keywords:

Narayag, funeral ceremony, prag-dah, Dahayagya, Repatriation, Udakkarma

Abstract

In Hinduism, funeral is called last rites. Similar to the marriage rituals, the rituals related to the funeral are also mentioned in the Vedic literature. Antyeshti means the last sacrifice. This Yajna is performed for the dead body of a person who has died. Religious scriptures believe that the insatiable desires of the living being are pacified by performing the rituals performed in the funeral rites of the dead body. Leaving all the illusions and bonds, he moves from the earth to the other world. For this reason, the dead body is duly cremated.

Abstract in Hindi Language:

हिन्दू धर्म में अन्त्येष्टि को अंतिम संस्कार कहा जाता है। वैवाहिक विधि- विधानों के समान, अन्त्येष्टि से संबन्धित प्रथाओ का भी वैदिक साहित्य में निर्देश है। अंत्येष्टि का अर्थ होता है अंतिम यज्ञ। यह यज्ञ मरने वाले व्यक्ति के शव के लिए किया जाता है।धर्म शास्त्रों की मान्यता है कि मृत शरीर की विधिवत अंतिम संस्कार में होने वाले कर्मकांड को करने से जीव की अतृप्त वासनायें शान्त हो जाती हैं। वह सभी मोह माया और बंधनों को त्यागकर  पृथ्वी लोक से परलोक की ओर गमन करता है। इसी निमित्त मृत देह का विधिवत संस्कार किया जाता है।

 Keywords: नरयाग, अन्त्येष्टि क्रिया, प्राग्-दाह, दाहयज्ञ, प्रत्यावर्तन, उदककर्म

Author Biography

Dr. Gayatriben C. Barot, Head of the Department, Sanskrit, Nima Girls Arts College, Gozaria

डॉ. गायत्रीबेन सी बारोट, नीमा गर्ल्स आर्ट्स कालेज, गोजारिया, गुजरात में संस्कृत विभागाध्यक्ष के तौर पर कार्यरत है । उन्होंने वैष्णव उपनिषदों” एवं “गोपाल तापनीय उपनिषद” पर संशोधन, 20 वर्षत: शैक्षणिक, अध्यापन, कार्य एवं 27  संशोधन प्रकाशन, 3 पुस्तक प्रकाश संशोधन, लेखिका, 146 सेमिनार सहभागिताअनेक समाज सेवा संस्थानों में सेवा कार्य किया है ।

References

गौतमधर्मसूत्र- संपादक- श्रीनिवासाचार्य, मैसूर, बिब्लिओथिका संस्कृत संस्थान 1977 ।

गरुड़ पुराण (प्रेतखण्ड, 5। 19-20) संपादक – नारायणराम आचार्य ,बम्बई निर्णय सागर प्रेस 1949 ।

अथर्ववेद ,संपादक –वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य,भगवती देवी शर्मा, प्रकाशक- ब्रह्मवचर्स शांतिकुञ्ज हरिद्वार,श्रावणी संवत् 2053

ऋग्वेद, चतुर्थ खण्ड (मण्डल 9 -10),भाष्यकार – पंडित ईश्वरचंद्र जोशी ,परिमल पब्लिकेशन दिल्ली,2011।

बौधायन- धर्मसूत्र-श्रीमहर्षि बौधायन प्रणीत ,हिन्दी व्याख्याकार: डॉ.उमेशचन्द्र पाण्डेय,चौखम्बा प्रकाशन, दिल्ली ।

शांखायनश्रौतसूत्र- (आनर्तीय भाष्य)हिलेब्राइट एशियाटिक सोसायटी आफ बंगाल,कलकत्ता 1889। 7.आश्वलायन गृह्यसूत्र- नरेन्द्रनाथ शर्मा, ईस्टर्न बुक लिंकर्स, दिल्ली, 1976।

पारस्कार गृह्यसूत्र –गोपालशास्त्री, चौखम्बा संस्कृत सीरीज – बनारस 1926

वेदों एवं पुराणों में आर्यजंजातीय संस्कृति (खण्ड 1)

डॉ. स्कोलास्टिका कुजूर, ईस्टर्न बुक लिंकर्स, दिल्ली, 2009

Downloads

Published

14-03-2023

How to Cite

Barot, G. C. (2023). Funeral Rituals in Vedic Literature: वैदिक साहित्य में अन्त्येष्टि क्रियाएँ. RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary, 8(3), 243–247. https://doi.org/10.31305/rrijm.2023.v08.n03.029