Contribution of Indian commercial banks in environmental protection

भारतीय वाणिज्यक बैंको का पर्यावरण संरक्षण में योगदान

Authors

  • Shiv Shankar Tiwari School Teacher (S.V.M.I.C.A.B, Unnao, UP)
  • Dr Ajay Kumar Asthana Associate Professor, (Economics) S M College, Muradabad, UP
  • Dr. Radha Parikshit Tiwari Faculty – Economics, HL College of Commerce, Ahmedabad

DOI:

https://doi.org/10.31305/rrijm.2023.v08.n03.030

Keywords:

commercial bank, environmental protection, green projects, green banking

Abstract

The history of environmental protection begins with human civilization. Many measures are being taken to protect the environment in India since ancient times. Sun, the source of energy, was considered a deity and life-giving rivers were considered goddesses. Trees, plants and animals are worshiped in Indian culture. All these combined activities emphasize environmental protection. The pace of economic development, however, harmed the environment. Currency was invented. Banks developed gradually. There was a change in the form of banks. Along with public banks, private banks also started working in the economy. Commercial banks accept deposits and provide loans. When commercial banks provide money to schemes for the protection of green projects, it is believed that commercial banks are also performing the sacred task of environmental protection. The role of commercial banks in environmental protection has increased in the present times.

Abstract in Hindi Language:

पर्यावरण संरक्षण का इतिहास मानव सभ्यता से शुरू होता है। भारत में प्राचीन काल से ही पर्यावरण की रक्षा के लिये अनेक उपाय किए जा रहे है। ऊर्जा के श्रोत सूर्य को देवता तथा जीवनदायिनी नदियों को देवी माना गया। भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधे व पशुओं की पूजा की जाती है। ये सभी सम्मिलित क्रिया कलाप पर्यावरण संरक्षण को बल देते है। आर्थिक विकास की गति ने यद्यपि पर्यावरण को हानि पहुचाई। मुद्रा का अविष्कार हुआ। धीरे-धीरे बैंको का विकास हुआ। बैंको के स्वरूप मंे परिवर्तन हुआ। सार्वजनिक बैंको के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में निजी बैंके भी कार्य करने लगी। वाणिज्य बैंके जमा स्वीकार करती है और ऋण प्रदान करती है। जब वाणिज्य बैंके हरित परियोजनाआंे के संरक्षण वाली योजनाओं को मुद्रा प्रदान करती है तो यह माना जाता है कि वाणिज्य बैंके भी पर्यावरण संरक्षण के पवित्र कार्य को सम्पादित कर रही है। पर्यावरण संरक्षण में वाणिज्यक बैंको की भूमिका वर्तमान समय में बढ़ गयी है।

Keywords: वाणिज्य बैंक, पर्यावरण संरक्षण, हरित परियोजनाएं, ग्रीन बैंकिंग।

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Published

14-03-2023

How to Cite

Tiwari, S. S., Asthana, A. K., & Tiwari, R. P. (2023). Contribution of Indian commercial banks in environmental protection: भारतीय वाणिज्यक बैंको का पर्यावरण संरक्षण में योगदान. RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary, 8(3), 248–251. https://doi.org/10.31305/rrijm.2023.v08.n03.030