Relevance of Mahatma Gandhi's thoughts: with special reference to the 21st century

महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता: 21वीं सदी के विशेष संदर्भ में

Authors

  • Anju Research Scholar, Department of Political Science, University of Rajasthan, Jaipur (Raj.)

DOI:

https://doi.org/10.31305/rrijm.2023.v08.n02.021

Keywords:

Gandhiji, relevance, idea, present

Abstract

Gandhiji's contribution in India's freedom struggle cannot be denied. His concept of non-violence was not only helpful in getting freedom to India but through this the world got another weapon to deal with exploitation and tyranny. However, today a time has come when most people are denying the necessity of Gandhi and his ideas and their relevance in the present times is being questioned. Today Gandhi ji is remembered only on 2nd October. Today, efforts are being made to achieve all kinds of interests with the help of violence by keeping Gandhi's ideas on hold. But even after so many days of his death, Gandhi is still relevant.

Abstract in Hindi Language:

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। उनकी अहिंसा की अवधारणा न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाने में सहायक हुई बल्कि इसके माध्यम से विश्व को शोषण और अत्याचार से निपटने के लिये एक और हथियार मिला। हालाँकि आज ऐसा समय आ गया है जब अधिकतर लोग गांधी और उनके विचारों की आवश्यकता को ही नकार रहे हैं और वर्तमान समय में उनकी प्रासंगिकता पर प्रश्न उठाया जा रहा हैं। आज गांधी जी को सिर्फ 2 अक्तूबर के ही दिन याद किया जाता है। आज गांधी के विचारों को ताक पर रखकर हिंसा के सहारे तमाम तरह के हितों को साधने का प्रयास किया जा रहा हंै। परंतु अपने अवसान के इतने दिनों बाद भी गांधी आज भी प्रासंगिक हैं।

Keywords: गांधीजी, प्रासंगिकता, विचार, वर्तमान 

References

जे.पी. सूद: आधुनिक राजनीतिक विचार, भाग-2, के.नाथ एण्ड कम्पनी, मेरठ, 2000 पृ. 179

एच.एरिक एरिकस्न: गाँधीज ट्रुथ आॅन दी आॅरिजन आॅफ मिलिटेन्ट नाॅन वाॅयलेन्स, फेबर एण्ड फेबर, लंदन, सन् 1970, पृ. 391

महात्मा गाँधी: एथिकल रिलीज, एस.गणेसन, मद्रास सन् 1930 पृ. 36

महात्मा गाँधी: कलेक्टेड वक्र्स आॅफ खण्ड-34, पृ. 505

रोम्याँ रोला: महात्मा गाँधी, विश्व के अद्वितीय पुरूष, सेंट्रल बुक डिपो, इलाहाबाद, सन् 1947, पृ. 24

रामजी सिंह: गाँधी दर्शन मीमांसा, बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, पटना, 1973, पृ. 41

एम.के. गाँधी: आत्मकथा, सस्ता साहित्य मण्डल, नई दिल्ली, 1995, पृ. 1

किशोरलाल मशरूवाला: गाँधी विचारदोहन, सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन, दिल्ली, 1995 पृ. 44

बी.एम. शर्मा: गाँधी दर्शन के विभिन्न आयाम, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर 2007, पृ. 31

विश्वनाथ प्रताप वर्मा: आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, आगरा, 2000 पृ. 343

Downloads

Published

15-02-2023

How to Cite

Anju. (2023). Relevance of Mahatma Gandhi’s thoughts: with special reference to the 21st century: महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता: 21वीं सदी के विशेष संदर्भ में. RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary, 8(2), 117–121. https://doi.org/10.31305/rrijm.2023.v08.n02.021