Historical survey of main temples of Garhmukteshwar tehsil
गढ़मुक्तेश्वर तहसील के मुख्य मन्दिरों का ऐतिहासिक सर्वेक्षण
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i05.024Keywords:
Ritual, temple, Garhmukteshwar, architecture, historicity, dome, statue, octagonal, quadrangular, KalashAbstract
Garhmukteshwar is a very ancient city and tehsil located in Hapur district of Uttar Pradesh state of India. It is said that this place was a part of the ancient city Hastinapur, the capital of the Kauravas. Due to its proximity to Delhi, Garhmukteshwar has always been a victim of invaders, due to which the ancient temples located here were destroyed and the architecture of those that remain is influenced by Mughal architecture. For centuries, religion has had a prominent place in the life of the people of India. There has been nothing like religion and for the sake of religious rituals, it was considered to create some such permanent things so that this religion remains immortal for ages. Temples in India are symbols of this religion, which have been called Devkul, Devgriha, Devayatan etc. in ancient texts, which means the place of residence of the deity. Initially the temples were very simple but with the passage of time and due to the kings presenting their grandeur, the temples started becoming very beautiful and grand and there was a difference in their style according to the regions, like the temples of North India are in Nagar style. And the temples of South India started being built in Dravidian style. In the area between these two, there was a mixture of both the styles which is called Besar style. At present, very ancient and historical temples are located in India. But there are many temples whose historicity and antiquity are yet to be ascertained. Taking this work forward, the temples of Garhmukteshwar tehsil located in Hapur district of Uttar Pradesh state are being described here. A very ancient temple is situated here. Whose historicity goes back to the Mahabharata period. Ancient and historical temples like Ganga Temple, Ganmukteshwar Temple, Jharkhandeshwar Temple, Sahadeshwar Temple, Tapeshwari Temple etc. are still located in Garhmukteshwar tehsil.
Abstract in Hindi Language:
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के हापुड़ जिले में स्थित गढ़मुक्तेश्वर एक अति-प्राचीन नगर व तहसील है। ऐसा कहा जाता है कि यह स्थान कौरवों की राजधानी प्राचीन नगर हस्तिनापुर का एक भाग था। गढ़मुक्तेश्वर दिल्ली के निकट होने के कारण हमेशा आक्रान्ताओं का शिकार होता रहा जिस कारण यहाँ पर स्थित प्राचीन मन्दिर नष्ट हो गये एवं जो बचे हुए है उनकी वास्तुकला, मुगल वास्तुकला से प्रभावित है। सदियों से भारत के जन-जीवन में धर्म का प्रमुख स्थान रहा है धर्म के समान कुछ भी नहीं रहा है एवं धार्मिक अनुष्ठानों के निमित्त ही कुछ ऐसी स्थायी वस्तुओ का निर्माण करने पर विचार किया गया जिससे यह धर्म युग-युगान्तर तक अमर रहे। भारत मंे मन्दिर इसी धर्म के प्रतीक है जिन्हे प्राचीन ग्रन्थों में देवकुल, देवगृह, देवायतन आदि कहा गया है जिसका अर्थ होता है, देवता के निवास का स्थान। शुरू में मन्दिर बहुत ही साधारण होते थे लेकिन समय के साथ-साथ तथा राजाओं के अपना वैभव प्रस्तुत करने के कारण मन्दिर बहुत ही सुन्दर व भव्य बनने लगे तथा क्षेत्रों के अनुरूप इनकी शैली में भी अन्तर आ गया जैसे उत्तर भारत के मन्दिर नागर शैली में तथा दक्षिण भारत के मन्दिर द्रविड़ शैली में बनने लगे। इन दोनों के मध्य वाले क्षेत्र में दोनों शैलियों का मिश्रण रहा जिसे बेसर शैली कहा गया है। भारत देश मंे वर्तमान में बहुत ही प्राचीन एवं ऐतिहासिक मन्दिर स्थित है। लेकिन बहुत से मन्दिर ऐसे है जिनकी ऐतिहासिकता एवं प्राचीनता का पता लगाना अभी बाकी है। इसी कार्य को आगे बढ़ाते हुए यहाँ पर उत्तर प्रदेश राज्य के हापुड़ जनपद में स्थित गढ़मुक्तेश्वर तहसील के मन्दिरों का वर्णन किया जा रहा है। यहाँ पर अति प्राचीन मन्दिर स्थित है। जिनकी ऐतिहासिकता महाभारत काल तक जाती है। गढ़मुक्तेश्वर तहसील में गंगा मन्दिर, गणमुक्तेश्वर मन्दिर, झारखण्डेश्वर मन्दिर, सहदेश्वर मन्दिर, तपेश्वरी मन्दिर आदि प्राचीन एवं ऐतिहासिक मन्दिर आज भी स्थित है।
Keywords: अनुष्ठान, मन्दिर, गढ़मुक्तेश्वर, वास्तुकला, ऐतिहासिकता, गुम्बद, प्रतिमा, अष्टकोणीय, चतुष्कोणीय, कलश
References
भारतीय गजेटियर, उत्तर प्रदेश, जिला गाजियाबाद 1999।
भारतीय गजेटियर, उत्तर प्रदेश, जिला गाजियाबाद 1999।
Bharatdiscovery.org.com
डा0 सच्चिदानन्द सहाय-मन्दिर स्थापत्य का इतिहास, बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, पटना 1989
डा0 सच्चिदानन्द सहाय-मन्दिर स्थापत्य का इतिहास, बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, पटना 1989
साक्षात्कार-श्री विरेन्द्र पाण्डे, ैध्व श्री कृष्ण शर्मा, आयु-62 वर्ष, कल्याणपुर गाँव गढ़मुक्तेश्वर
साक्षात्कार-श्री सुभाष शर्मा ैध्व श्री ओम प्रकाश शर्मा, आयु-41 वर्ष पावटी ग्राम, गढ़मुक्तेश्वर
श्री शोबीर शर्मा ैध्व श्री कुंवरपाल शर्मा, आयु-62 वर्ष, कल्याणपुर गाँव, गढ़मुक्तेश्वर
श्री महंत नारोत्तमानन्द ब्रह्मचारी ैध्व श्री मंहत शंकरानन्द ब्रह्मचारी, आयु 65 वषर्, झड़ीना गाँव, गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़
आचार्य पंकज कौशिक ैध्व श्री योगेश्वर शर्मा, उम्र 27 वर्ष, ब्रजघाट, हापुड़
श्री श्री 108 जियानन्द ब्रह्मचारी, आयु 45 वर्ष, तपेश्वरी मन्दिर, सैदपुर गांव, गढ़मुक्तेश्वर
श्री विक्रम सिंह ैध्व श्री शेर सिंह, आयु 66 वर्ष, हैदरपुर गांव, गढ़मुक्तेश्वर
श्री विरेन्द्र पाण्डे ैध्व श्री कृष्ण शर्मा, आयु-62 वर्ष। कल्यापुर गांव, गढ़मुक्तेश्वर
श्री राजाराम ैध्व श्री रघुबीर सिंह, आयु 60 वर्ष गणमुक्तेश्वर मन्दिर परिसर, गढ़मुक्तेश्वर
श्री कमल गिरि ैध्व श्री सन्त श्री महेश गिरि, आयु 68 वर्ष, गणमुक्तेश्वर मन्दिर परिसर, गढ़मुक्तेश्वर
बाबा थानापति, आयु 50 वर्ष, झारखण्डेश्वर मन्दिर परिसर, गढ़मुक्तेश्वर
श्रीमती सीमा गोस्वामी क्ध्व श्री भगवत गोस्वामी, उम्र 35 वर्ष, दतियाना ग्राम, हापुड़
श्री राकेश गोसवामी ैध्व श्री कैलाश गोस्वामी, उम्र 40 वर्ष, दतियाना ग्राम, हापुड़
श्री सुरेन्द्र त्यागी ैध्व श्री जयबीर त्यागी, आयु 40 वर्ष, दतियाना ग्राम, हापुड़
बाबा श्री महेशदास ैध्व गुरू जी समनदास महाराज आयु 70 वर्ष, मठाधीश, रविदास मन्दिर, गंगा मन्दिर सड़क, गढ़मुक्तेश्वर
श्री विकास दुबे ैध्व श्री मदनगोपाल दुबे, आयु-33 वर्ष, गंगा मन्दिर सड़क, गढ़मुक्तेश्वर
श्री संतोष कौशिक ैध्व श्री टोनी कौशिक, आयु 78 वर्ष, गंगा मन्दिर सड़क, गढ़मुक्तेश्वर
सुश्री नूतन भारद्वाज क्ध्व श्री रमाशंकर, उम्र 44 वर्ष, गंगा मन्दिर सड़क, गढ़मुक्तेश्वर
श्री पप्पू सिंह ैध्व श्री सन्नू (श्रवण) सिंह, उम्र 57 वर्ष। गंगा मन्दिर सड़क, गढ़मुक्तेश्वर
श्री राजाराम ैध्व श्री रघुवीर सिंह, आयु 60 वर्ष। नक्का कुआँ परिसर, गढ़मुक्तेश्वर
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